आओ देश का सम्मान करें शहीदों की शहादत याद करें एक बार फिर से राष्ट्र की कमान हिंदुस्तानी अपने हाथ धरें आओ स्वतंत्रता दिवस का मान करें
आजादी की कभी शाम ना होने देंगे शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे बची है जो 1 भी बूंद लहू की तब तक भारत का आँचल नीलाम ना होने देंगे
भारत माता तेरी गाथा सबसे ऊँची तेरी शान तेरे आगे शीश झुकाएं दें तुझको हम सब सम्मान
दे सलामी इस तिरंगे को जिससे तेरी शान है सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान है
आजादी का जोश कभी कम नहीं होने देंगें जब भी जरुरत पड़ी देश के लिए जान लुटा देंगे क्योंकि भारत हमारा देश है अब दोबारा इस पर कभी आंच नहीं आने देंगे
चलो फिर से खुद को जागते हैं अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं सुनहरा रंग है शहीदों के लहू से ऐसे शहीदों को हम सब सर झुकाते हैं
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा हम बुलबुले हैं इसकी ये गुलसिता हमारा
मझहब नही सीखाता आपस मे बैर रखना हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तान हमारा
चलो फिर से आज वह नज़ारा याद कर ले, शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद करले, जिसमे बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पे देशभक्तो के खून की वो धारा याद करले..||
इश्क़ तो करता हैं हर कोई मेहबूब पे मरता हैं हर कोई, कभी वतन को मेहबूब बना कर देखो तुझ पे मरेगा हर कोई……!!!!
ना पूछो ज़माने को, क्या हमारी कहानी हैं हमारी पहचान तो सिर्फ ये हैं की हम सिर्फ हिंदुस्तानी हैं…!!
मैं मुल्क की हिफाजत करूँगा ये मुल्क मेरी जान है इसकी रक्षा के लिए मेरा दिल और जां कुर्बान है..||
तिरंगा हमारा हैं शान- ए-जिंदगी वतन परस्ती हैं वफ़ा-ए-ज़मी देश के लिए मर मिटना कुबूल हैं हमें अखंड भारत के स्वपन का जूनून हैं हमें..!!
मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ, मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की, तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।
कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की मान का है, हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा, नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है !!
गुलाम बने इस देश को आजाद तुमने कराया है सुरक्षित जीवन देकर तुमने कर्ज अपना चुकाया है दिल से तुमको नमन हैं करते ये आजाद वतन जो दिलाया है
मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए बस अमन से भरा यह वतन चाहिए जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये
करता हूँ भारत माता से गुजारिश कि तेरी भक्ति के सिवा कोई बंदगी न मिले, हर जनम मिले हिन्दुस्तान की पावन धरा पर या फिर कभी जिंदगी न मिले..!!
सीनें में ज़ुनू, ऑखों में देंशभक्ति, की चमक रखता हुँ, दुश्मन के साँसें थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हुँ..!!
"वतन हमारा मिसाल है मोहब्बत की, तोड़ता है दीवार नफरत की, मेरी खुश नसीबी है मिली जिंदगी इस चमन में, भुला ना सके कोई इसकी खुशबू सातों जन्मों में..!!"
ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई, मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता, नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हैं शासक कई, मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता..!!
कर जस्बे को बुलंद जवान, तेरे पीछे खड़ी आवाम ! हर पत्ते को मार गिरायेंगे जो हमसे देश बटवायेंगे..!!
करीब मुल्क के आओ तो कोई बात बने बुझी मशाल को जलाओं तो कोई बात बने सुख गया हैं जो लहू शहीदों का उसमे अपना लहू मिलाओं तो कोई बात बने!!!
आज मुझे फिर इस बात का गुमान हो मस्जिद में भजन मंदिरों में आजन हो खून का रंग फिर एक जैसा हो तुम मनाओ दिवाली मेरे घर रमजान हो!!!
कुछ पन्ने इतिहास के मेरे मुल्क के सीने में शमसीर हो गए जो लड़े जो मरे वो शहीद हो गए हो डरे जो झुके वो वजीर हो गए!!!
नफरत बुरी हैं ना पालो इसे दिलों में खालिश हैं निकालों इसे ना मेरा ना तेरा, ना इसका ना उसका ये सबका वतन हैं संभालो इसे!!!
दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उल्फत मेरी मिट्टी से भी खुशबू ए वतन आएगी!!!
खूब बहती हैं अमन की गंगा बहने दो मत फैलाओं देश में दंगा रहने दो लाल हरे रंग में ना बांटो हमको मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो!!!
#ना मरो सनम बेवफा के लिए दो गज जमीन नहीं मिलेगी दफ़न होने के लिए मरना हैं तो मरो वतन के लिए हसीना भी दुपट्टा उतार देगी तेरे कफ़न के लिए!!!
अनेकता में एकता इस देश की शान है इसलिए मेरा भारत महान हैं!!!
लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा मेरे लहू का हर एक कतरा इन्कलाब लायेगा!!!
नफरत की भावना को भी बड़े प्यार से सहते हैं ये वो देश हैं मेरी जान जिसे हिंदुस्तान कहते हैं!!!
कुछ नशा तिरंगे की आन हैं कुछ नशा मातृभूमि की शान का हैं हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा नशा ये हिंदुस्तान की शान का हैं!!!