ए जन्नत अपनी औकात में रहना हम तेरी जन्नत के मोहताज नही हम श्री बांकेबिहारी के चरणों में रहते है वहां तेरी भी कोई औकात नही
शांत मन हमेशा शक्ति देता है यही इंसान को जीने के लिए नई दिशा देता है..!
सोचा किसी अपनो को याद करें अपने किसी खास को याद करें किया जो फैसला जन्मास्टमी बधाई देने का दिलने कहा क्यूना आपसे शरुआत करे ,,,,
एक शिक्षित मनुष्य अपनी जिंदगी को ही नही बल्कि सोसाइटी को भी बदल सकता है..!शांत मन हमेशा शक्ति देता है यही इंसान को जीने के लिए नई दिशा देता है..!
बाजार के रंगो में रंगने की मुझे जरुरत नही मेरे कान्हा की याद आते ही ये चेहरा गुलाबी हो जाता है
अपने वही होते है जो आपको सत्य का ज्ञान कराते है गलत दिशा में जाने से हमे रोकते है..!
असत्य से बचना और सत्य पर अपने आप को टिकाए रखना ही धर्म है..!
चंदन की महेक को रेशम का हार सावन की सुगन्ध और बारिश की पुहार राधा का उमीदोंको कनैया का प्रेम मुबारक हो आपको जन्मास्टमी का त्यौहार
प्यारे कान्हा ने जन्म लिया नाचे गाये ख़ुशी मनाए श्री कृष्ण जन्म दिन की ढ़ेर सारी सुभकामना।
एक तरफ साँवले कृष्ण, दूसरी तरफ राधिका गोरी जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी
जो मनुष्य अपनी ज्ञानेंद्रियों को अपने वश में रखता है वही मनुष्य सही ज्ञान को अर्जित करता है..!
समय इंसान को जिंदगी की असली कीमत बताता है समय ही इंसान को बलवान बनाता है..!
कुष्णा तेरी गलियों में जो ख़ुशी है वो किसी जगत में के किसी कोने मे नहीं जो मजा तेरी वृदावन की रज में है मैने पाया किसी बिछौं मे नहीं
प्रेम सबको आजमाता है वरना सोलह हजार एक सो रानियों से मिलने वाला कान्हा एक ''राधा '' के लिए तरस जाता है। हैप्पी जन्मास्टमी
जिस पर राधा का मान है जिस पर राधा को गुमान है यही वही किशन है जो राधा के हर जगह विराजमान है
माखन चुराकर जिसने खाया बंसी बजाकर जिसने नचाया खुशी मानवो उसके जन्मतो है कान्हा दिन की जिसने जगत को प्रेम का रास्ता
सांवरे नयनो में छुपे रहेना। .... सासों में बसें रहेना। ... बस इतनी सी ख्वाइस हे... वख्त चाहे जैसा भी हो तुम साथ हमेशां रहेना। ....
प्रभु खोजने से नहीं मिलते… उसमें “खो – जाने” से मिलते है…! !! जय श्री कृष्णा !!
प्रेम से श्री कृष्णा का नाम जपो दिल की हर इच्छा पूरी होगी कृष्ण की आराधना में लीन हो जाओ उनकी महेमा जीवन सुखमय होगा
तू चाहे तो सब कूच करदे जहेर को भी अमृत करदे। .... पुरी करदे उनकी आशा जो भी ध्यानधरे। ...
कान्हा को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा पूरे खत में सिर्फ कान्हा-कान्हा नाम लिखा
श्री कृष्णा के कदम आपके घर आए आप खुशियों के दिप जलाए परिशानी आपसे आँख चुराये
गोकुल में जिसने किया निवास उसने गोपियों के संग रचा इतियास देवकी यशोदा जिनकी माता ऐसे है हमारे कुष्णा कनैया। .
माखन चुराकर जिसने खाया बंसी बजाकर जिसने नचाया खुशी मानवो उसके जन्मतो है कान्हा दिन की जिसने जगत को प्रेम का रास्ता
श्रीकृष्ण ज़िनका नाम है, गोकुल ज़िनका धाम है ! ऐसे श्रीकृष्ण को मेरा, बारम्बार प्रणाम है !
आओ मिलकर सजाये यशोदा का लाल आओ मिलकर करें उनका गुणगान जो सबको राह दिखाता है और सबकी बिगड़ी बनाता है शुभ जन्मास्टमी
बाल रुप में है सबको भाता है माखण चोर वो कहलाया है आला आला गोपाला आला बाल ग्वालो ने शोर मचाया है जूम उठे है सब ख़ुशी मे देखो मुरली वाला आया है।
सुन्दर से भी अधिक सुंदर है तु, लोग तो पत्थर पूजते है, मेरी तो पूजा है तु, पूछे जो मुझसे कौन है तु ? हँसकर कहता हुँ, जिंदगी हुँ मैं और साँस है तु…
श्याम तेरे चरणों की मैं धूल बन जाऊं तेरी भक्ति में ही दिन-रात लीन हो जाऊं..!
एक तरफ साँवले कृष्ण, दूसरी तरफ राधिका गोरी जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी
अपनी सोच और नियत को हमेशा अच्छी रखिए फिर आपके सारे कार्य सही सिद्ध होंगे..!
जो मनुष्य अकेले चलने में भरोसा रखता है वही अक्सर जिंदगी में सफल होता है..!
जिस पर राधा को मान हैं जिस पर राधा को गुमान हैं यह वही कृष्ण हैं जो राधा के दिल हर जगह विराजमान हैं
मेरे दिल की दीवारों पर श्याम तुम्हारी छवि हो, मेरे नैनो की पलकों में कान्हा तस्वीर तेरी हो, बस और न मांगू तुझसे मेरे गिरधर… तुझे हर पल देखू मेरे कन्हैया ऐसी तकदीर हो….