मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ
काश मेरी जिंदगी मे सरहद की कोइ शाम आए मेरी जिंदगी मेरे वतन के काम आए ना खौफ है मौत का ना आरजु है जन्नत की लेकीन जब कभी जीक्र हो शहीदो का काश मेरा भी नाम आए।। काश मेरा भी नाम आए
ना मरो सनम बेवफा के लिए दो गज़ जमीन नहीं मिलेगी दफ़न होने के लिए मरना हैं तो मरो वतन के लिए हसीना भी दुप्पट्टा उतार देगी तेरे कफ़न के लिए
कुछ नशा तिरंगे की आन का हैं कुछ नशा मातृभूमि की शान का हैं हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा नशा ये हिन्दुस्तान की शान का हैं
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे बची हो जो एक बूंद भी लहू की तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे
भारत का वीर जवान हूँ मैं ना हिन्दू, ना मुसलमान हूँ मैं जख्मो से भरा सीना हैं मगर दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं भारत का वीर जवान हूँ मैं
खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है
इतनी सी बात हवाओं को बताए रखना रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने ऐसे तिरंगे को दिल में हमेशा बसाए रखना
हम आजाद हैं, ये आजादी कभी छिनने नहीं देंगे तिरंगे की शान को हम कभी मिटने नहीं देंगे कोई आंख भी उठाएगा जो हिंदुस्तान की तरफ उन आंखों को फिर दुनिया देखने नहीं देंगे
ये बात हवाओ को बताये रखना रोशनी होगी चिरागों को जलाये रखना लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना
न रंग का नही वस्त्र, ये ध्वज देश की शान हैं हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान हैं यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान हैं और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान हैं
चिंगारी आजादी की सुलगी मेरे जश्न में हैं इन्कलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं मौत जहाँ जन्नत हो ये बात मेरे वतन में हैं कुर्बानी का जज्बा जिन्दा मेरे कफन में हैं
मुकम्मल है इबादत और मैं वतन ईमान रखता हूँ वतन के शान की खातिर हथेली पे जान रखता हूँ क्यु पढ़ते हो मेरी आँखों में नक्शा पाकिस्तान का मुस्लमान हूँ मैं सच्चा, दिल में हिंदुस्तान रखता हूँ
यदि प्रेरणा शहीदों से नहीं लेंगे तो ये आजादी ढलती हुई साँझ हो जायेगी और पूजे न गए, वीर तो सच कहता हूँ कि नौजवानी बाँझ हो जायेगी
भूल न जाना भारत मां के सपूतों का बलिदान इस दिन के लिए हुए थे जो हंसकर कुरबान आजादी की ये खुशियां मनाकर लो ये शपथ कि बनाएंगे देश भारत को और भी महान
है नमन उनको, जो यशकाय को अमरत्व देकर इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं है नमन उनको, जिनके सामने बौना हिमालय जो धरा पर गिर पड़े, पर आसमानी हो गये हैं
है नमन उनको, जो यशकाय को अमरत्व देकर इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं है नमन उनको, जिनके सामने बौना हिमालय जो धरा पर गिर पड़े, पर आसमानी हो गये हैं
हम आजाद हैं, ये आजादी कभी छिनने नहीं देंगे तिरंगे की शान को हम कभी मिटने नहीं देंगे कोई आंख भी उठाएगा जो हिंदुस्तान की तरफ उन आंखों को फिर दुनिया देखने नहीं देंगे
मैं मुल्क की हिफाजत करूँगा ये मुल्क मेरी जान है इसकी रक्षा के लिए मेरा दिल और जां कुर्बान है वन्दे मातरम, जय हिन्द
वतन हमारा ऐसे ना छोड़ पाए कोई रिश्ता हमारा ऐसे ना तोड़ पाए कोई दिल हमारे एक है एक है हमारी जान हिंदुस्तान हमारा हैं हम हैं इसकी शान
ना पूछो ज़माने को क्या हमारी कहानी हैं हमारी पहचान तो सिर्फ ये हैं की हम सिर्फ हिंदुस्तानी हैं
इश्क़ तो करता हैं हर कोई मेहबूब पे मरता हैं हर कोई कभी वतन को मेहबूब बना कर देखो तुझ पे मरेगा हर कोई
कभी ठंड में ठिठुर कर देख लेना कभी तपती धूप में जल के देख लेना कैसे होती हैं हिफ़ाजत मुल्क की कभी सरहद पर चल के देख लेना
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा
तीन रंग का वस्त्र नही, ये ध्वज देश की शान है, हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान है, यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान है और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान हैं।
वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है, मरेगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं!
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ, मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ, मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ, मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।
दिल में जूनून आँखों में देशभक्ति की चमक रखता हूँ, दुश्मन की जान निकल जाए आवाज में इतनी दमक रखता हूँ।
खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है
है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर, इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं, है नमन उनको जिनके सामने बौना हिमालय, जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गये हैं.
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है, उछ्ल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी।
लड़ें वो बीर जवानों की तरह, ठंडा खून फ़ौलाद हुआ, मरते-मरते भी कईं मार गिराए, तभी तो देश आज़ाद हुआ.
जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी हैं, जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं.
ना सरकार मेरी है ना रौब मेरा है, ना बड़ा सा नाम मेरा है, मुझे तो एक छोटी सी बात का गौरव है, मै हिन्दुस्तान का हूँ और हिन्दुस्तान मेरा है,